साँवले सपनों की याद शीर्षक की सार्थकता पर टिप्पणी कीजिए।

ये पाठ सालिम अली के जीवन एवं उनके प्रकृति से संबंधित अनुभवों पर आधारित है। सालिम अली, जो एक पक्षी विज्ञानी थे। इस पूरे पाठ में लेखक ने उनके व्यक्तिव को उकेरा है। प्रकृति और पक्षियों का चिंतन करने वाले सालिम अली का जब निधन हो गया तो लेखक ने सोचा होगा कि उनके बारे लोगों को जानना चाहिए। लेखक की बातों से लगा कि वो सालिम अली के काफी करीब थे। सालिम अली का सपना था कि वो पक्षियों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त कर लें और उनके लिए कुछ कर पाएं। उनके निधन के बाद सिर्फ सपने ही बचे थे। इस तरह इसका शीर्षक पूरी तरह सार्थक है।


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